Friday 4 May 2018

जनता के कंधो पर लोकतंत्र

नमस्ते परम् प्रेम साथियों ,

गुजरें दिवस की बात है , शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश सूबे के मुख्यमंत्री बाढ़ का जायज लेने प्रभावित इलाके में गए थे । तब उनसे स्वयं पानी में चलकर जाते नही बना । क्योकि उनका लक्ष्य था जुते भीगे नही पैर गंदे न हो , इसलिये उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने पानी से बाहर सूखे में निकाला ।

अब सवाल और मुद्दा यह है , हमने राजनीत में पढ़ा है जनता के हितों का ध्यान प्रदेश का मुखिया रखता है और यह उसका परम् कर्तव्य भी है ।

लेकिन यहां तो सुरक्षाकर्मी उन्हें कंधो पर रखकर इलाका पार करा रहे है , जरा आप समझिये जो खुद कंधे पर सवार है वह किस प्रकार जनता के हितों का भार अपने स्कंद पर रखेगें ?

बेटियों की रक्षा कैसे करेगें ?

राजनीति से औधौगिक घराने की दोस्ती कानून पर भारी पड़ जाती है?

  नमस्कार , लेख को विस्तृत न करते हुए केवल सारांशिक वेल्यू में समेटते हुए मै भारतीय राजनीत के बदलते हुए परिवेश और उसकी बढ़ती नकारात्मक शक्ति ...