Thursday 9 January 2020


"शेष जीवन के क्षण!"

शेष जीवन के क्षण
जिनमे मीठे और कुछ लवण
अहसासों से पूछते
जीवन में रखा क्या है?
इतिहास मानव का जान सके
पिछला खोया पाया नफा क्या है?

जिसके पथ में बिछे शूल
संघर्ष ऐसे चुनौती पर भी कबूल
खोया हो जो कुछ पाएं
साथ आया क्या गया क्या है?

भर उठती लहरें आँखों में
ह्रदय कुंठित लरज रग रुपी शाखों में
हरियाली बरस की पाई तो
पिछले मौसम में उसने पाया क्या है?

पीड़ाओं के बल पर
शरीर ने खोदे नल जल
जड़ भेद जख्म भारस्थल बनाया
थकते शरीर ने संतति सिवा पाया क्या है?

मन के आगम में दलदल
दूरागत घर हो तुम बलबल
निसृत जीवन के मौन महावत
ने दिनन्दिन हांका क्या है?


~ शहादत

राजनीति से औधौगिक घराने की दोस्ती कानून पर भारी पड़ जाती है?

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