साथियों बीते दिनों सत्ताधारी दल द्वारा विपक्ष एवं मोदी की गलत दिग्भ्रमित नीतियों उद्देश्यों के विरूद्ध जो बोल रहा था वह राजद्रोही बना दिया जा रहा था । और कहीं न कही सत्ताधारी दल यह चाहता था की भारत में ऐसा माहौल बनाया जाए की मोदी विरोध को राष्ट्रविरोध में बदल दिया जाए और ऐसा करने में सत्ताधारी दल सफल हुआ भी जिसका लाभ इसे मौजूदा चुनाव में मिला भी।
अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 250 साल राज किया था उनका अपना तंत्र भी भारत में मायने रखता है । उसे सरकार की मान्यता थी । परन्तु देखने वाली बात इसमें यह रही की अंग्रेजो के विरोध में हमारे कहीं बलिदानी महापुरुष अंग्रेजो की गलत नीतियों का विरोध करते रहे और यहां तक की उन्हें अंग्रेजी हुकूमत द्वारा मृत्युदण्ड भी दिया गया । भगतसिंह और अन्य जाबांज शहीद इसका उदाहरण है।
तो क्या हम अंग्रेजों के विरोध को राजद्रोह बतला देंगे जो मोदीकाल में मोदी की नीतियों का जनता ने विरोध किया तो ?
वास्तव में जवाब होगा नही ।
लेकिन फिर भी सत्ताधारी दल ने मोदी विरोध को राजद्रोह में बदलने का काम किया।
हमने भी शहीदों की विचारधारा का ही अनुसरण किया है और सत्ता की गलत नीतियों का विरोध किया है तो हमे राजद्रोही करार क्यों दिया जा रहा है ?
अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 250 साल राज किया था उनका अपना तंत्र भी भारत में मायने रखता है । उसे सरकार की मान्यता थी । परन्तु देखने वाली बात इसमें यह रही की अंग्रेजो के विरोध में हमारे कहीं बलिदानी महापुरुष अंग्रेजो की गलत नीतियों का विरोध करते रहे और यहां तक की उन्हें अंग्रेजी हुकूमत द्वारा मृत्युदण्ड भी दिया गया । भगतसिंह और अन्य जाबांज शहीद इसका उदाहरण है।
तो क्या हम अंग्रेजों के विरोध को राजद्रोह बतला देंगे जो मोदीकाल में मोदी की नीतियों का जनता ने विरोध किया तो ?
वास्तव में जवाब होगा नही ।
लेकिन फिर भी सत्ताधारी दल ने मोदी विरोध को राजद्रोह में बदलने का काम किया।
हमने भी शहीदों की विचारधारा का ही अनुसरण किया है और सत्ता की गलत नीतियों का विरोध किया है तो हमे राजद्रोही करार क्यों दिया जा रहा है ?
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