पतंग से नभ् में उड़ते है सपने
स्वप्न की दुनिया जीवन का आगाज है
अंतर ह्रदय की मधुर आवाज है
काल के जुल्म से दूर है आज अपने
फिर भी पतंग से नभ् में उड़ते है सपने
कुंभ से सजे इर्दगिर्द सुंदर मेले
बाल्यकाल की रौनक में दिखते है अपने
पतंग से नभ् में उड़ते है सपने
स्वप्न की दुनिया जीवन का आगाज है
अंतर ह्रदय की मधुर आवाज है
काल के जुल्म से दूर है आज अपने
फिर भी पतंग से नभ् में उड़ते है सपने
कुंभ से सजे इर्दगिर्द सुंदर मेले
बाल्यकाल की रौनक में दिखते है अपने
पतंग से नभ् में उड़ते है सपने
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