झलक की भी बेचेनी है
साँसो की हल्की करनी है
वह एक जगह थी कामायनी
दिल से लगी थी सुंदर नयनी
मासूम सी अदाओ में सिमटी
मखमल के बदन में लिपटी
कपाल पर , मेरे दिल के काल
झुरमुट मुस्कान के तेरे आमाल
बालो से लहराऐ छाया फैलाए
पलके झपका दिल को तरसाए
छलक जाए आंसू , तड़प जाए गेसू
सजदे में गिरे सर झुक जाए बाजू
साँसो की हल्की करनी है
वह एक जगह थी कामायनी
दिल से लगी थी सुंदर नयनी
मासूम सी अदाओ में सिमटी
मखमल के बदन में लिपटी
कपाल पर , मेरे दिल के काल
झुरमुट मुस्कान के तेरे आमाल
बालो से लहराऐ छाया फैलाए
पलके झपका दिल को तरसाए
छलक जाए आंसू , तड़प जाए गेसू
सजदे में गिरे सर झुक जाए बाजू
वाह
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