Monday 5 March 2018

अशेष निधि - शेष जीवन

कृपा के बादल घट गए
व्याघ्र ने शीश झुकाये
सत्य की अभिलाषा ने
काले कूह दिखलाये

                   जो शेष निधि छोड़ी घर
                   अश्रु जल बहाकर मिथिला ने
                   काल के सम्मुख भिड़े दाय
                   पीले पद कर दिए सरला ने

महिसासुर मात खाते यह
बोला , अनय हारेगा
हर युग में दुष्ट - अंत करने
कोई कृष्ण तो कोई अर्जुन आएगा

                   हाँ जब जग त्राहि त्राहि करेगा
                   ईश्वर के कोप धरती पर उतरेंगे
                   बागडोर टूटी सांसो की
                   अवतार ईश्वर वध को बिफरेंगे

निराश न होना नाभि के दर्द वालो
अनय कब तक होगा तुमपर
एक दिन शिव की शक्ति
और शीशो पर होंगे उनके कर

1 comment:

राजनीति से औधौगिक घराने की दोस्ती कानून पर भारी पड़ जाती है?

  नमस्कार , लेख को विस्तृत न करते हुए केवल सारांशिक वेल्यू में समेटते हुए मै भारतीय राजनीत के बदलते हुए परिवेश और उसकी बढ़ती नकारात्मक शक्ति ...