वो चमकती हथेलियों में कौन सी जागीर है
जिसे पाने को लोग बनने को चाहे हकीर है।
वो नजरें करम का आशियाना है
या बारिश का बागों में फैला फ़साना है।
क्या वो गुलों का ताज पहने कोई हूर है
कश्ती में सवार मीनाक्षी कसीर है!
ख्वाबों में पैबस्त हलकान नूरानी
खुश्क निरा हालाकि जगमग पेशानी?
गैरों पर दम नजरे करम
खालिक की नेमत सरासर विषम।
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