नारी
नारी नाज है
सर्वसमाज का अभिमान
हर कूचे इलाके का नूर
सृष्टि की रचियता
भगवान को जन्म देने का विज्ञानं
धरती की दूरी, हर दूरी का ज्ञान
नजरे जहां तक मिलाए
मुक्त की विभूति का आभास
हे जीवंदायिनी मुफ्त मेंजीवन जीना सिखाये
क्योकिं , नारी नाज है।
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