Tuesday 6 February 2018

नारी 

नारी नाज है 
सर्वसमाज का अभिमान 
हर कूचे इलाके का नूर
सृष्टि की रचियता 
भगवान को जन्म देने का विज्ञानं

धरती की दूरी, हर दूरी का ज्ञान 
नजरे जहां तक मिलाए 
मुक्त की विभूति का आभास 
हे जीवंदायिनी मुफ्त मेंजीवन जीना सिखाये 
क्योकिं , नारी नाज है। 

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