दनुज नाग के मस्तक पटल
पर ,बनवारी के पदचर टँकीट है
विष के पावस बरसाती जिव्हा
रक्त में रंजित है।
~शहादत
#जय_श्रीकृष्ण
नमस्कार , लेख को विस्तृत न करते हुए केवल सारांशिक वेल्यू में समेटते हुए मै भारतीय राजनीत के बदलते हुए परिवेश और उसकी बढ़ती नकारात्मक शक्ति ...
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