कुलिश तड़ककर नमनंतर
विस्थापन किये सागर
वेणु वादन मधुरस बरसा दे
भरे सौ सौ अमृत घाघर।
~शहादत
#जयश्रीकृष्ण_साथियों
नमस्कार , लेख को विस्तृत न करते हुए केवल सारांशिक वेल्यू में समेटते हुए मै भारतीय राजनीत के बदलते हुए परिवेश और उसकी बढ़ती नकारात्मक शक्ति ...
No comments:
Post a Comment