Saturday 10 March 2018

चाँद सा मुखड़ा

एक बार फिर दिखा दो
वो चाँद सरीखा मुखड़ा
मेरे इश्क मेरे हमदम
एक बार सुन लो दुखड़ा

नही जाने वाले है आते
एक बार दामन छोड़कर
फिर यादों के पैरहन से
रहते है हमेशा लिपटकर

है सामने नही वो
आसानी का करीना
दूर तलक है नक्शा बताता
परेशान है यहाँ दीवाना।

बड़ी दूर से है आया
मिलने साथ चलने
वादा किया था जब
बिन तुम्हारे ईमान ,दिल मचलने

आजाद था है तू रहेगा
मेजबान मै हमेशा रहूंगा
सर का ताज अपने बनाकर
जिंदगी , तुम्हारे बीच रहूंगा

कहां जाये ये मारा मारा
जो दफा हुआ है तुमसे
महल गाए गम के गीत
कब्र ये घर लिए मेरे कसम से।

1 comment:

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