गंगा सा मन अगर कतिपय
तुमसे हो गया
सुदर्शन का शिखर संधान
फिर है ढह गया।
नमस्कार , लेख को विस्तृत न करते हुए केवल सारांशिक वेल्यू में समेटते हुए मै भारतीय राजनीत के बदलते हुए परिवेश और उसकी बढ़ती नकारात्मक शक्ति ...
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