कम नजर जरा खोल
आँखे , यादे पुरानी है
नमी आँखों की मस्ती
पलती जवानी है।
आँखे , यादे पुरानी है
नमी आँखों की मस्ती
पलती जवानी है।
कसकर दामन थाम लो
भयंकर भावुक चलेगी हवा
मुहब्बत तभी होगी पूरी
जिसमे शामिल तुम रवाँ।
भयंकर भावुक चलेगी हवा
मुहब्बत तभी होगी पूरी
जिसमे शामिल तुम रवाँ।
दम पर तुम्हारे जमीन
पर कतरे खुशियों के फैलाएंगे
गीले अहसास ,तर रूह को
तुमसे जीवन बनाएंगे।
पर कतरे खुशियों के फैलाएंगे
गीले अहसास ,तर रूह को
तुमसे जीवन बनाएंगे।
ढूंढ लिया कल्ब ने खुद से
ख़िताब रूबरू करके
मचा हल्ला महकमे में
एक बार सभी के , आहें भरके।
ख़िताब रूबरू करके
मचा हल्ला महकमे में
एक बार सभी के , आहें भरके।
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